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क्वांटम सुपरपोज़िशन: एक कण एक साथ कई अवस्थाओं में?

🔍 क्वांटम सुपरपोज़िशन: एक कण एक साथ कई अवस्थाओं में?

क्या आपने कभी सोचा है कि अगर कोई चीज़ एक साथ दो अलग-अलग जगहों पर हो सकती है, तो वो कैसा होगा? क्वांटम दुनिया में यह मुमकिन है! इस रहस्यमयी सिद्धांत को कहते हैं — क्वांटम सुपरपोज़िशन

📌 पिछले लेख से जुड़ा: क्वांटम टेलीपोर्टेशन क्या है? — जहाँ हमने जाना कि कैसे क्वांटम जानकारी को दूरी पर ट्रांसफर किया जाता है।

🧠 सुपरपोज़िशन क्या कहता है?

क्वांटम यांत्रिकी के अनुसार, एक कण (जैसे कि इलेक्ट्रॉन या फोटॉन) एक समय में कई अवस्थाओं में हो सकता है — जब तक कि हम उसे माप ना लें। जैसे:

  • इलेक्ट्रॉन घड़ी की दिशा और विपरीत दिशा दोनों में घूम सकता है।
  • कण दो अलग-अलग रास्तों से एक साथ गुजर सकता है।

पर जैसे ही आप उसे मापते हैं, वह एक निश्चित स्थिति चुन लेता है — यही है मापन का पतन (collapse of wavefunction)।

🐱 श्रॉडिंगर की बिल्ली: सुपरपोज़िशन का प्रतीक

मशहूर वैज्ञानिक एरविन श्रॉडिंगर ने एक काल्पनिक प्रयोग दिया था: एक बिल्ली एक बंद डिब्बे में है, जहाँ एक क्वांटम घटना यह तय करती है कि बिल्ली जिंदा है या मृत। जब तक डिब्बा नहीं खोला जाता, बिल्ली एक साथ जिंदा और मृत दोनों होती है — सुपरपोज़िशन में!

⚠️ यह केवल उदाहरण है — असली बिल्लियों के साथ ऐसा प्रयोग नहीं होता! लेकिन यह दिखाता है कि क्वांटम दुनिया कितनी विचित्र है।

📡 हाल की सफलताएँ (2025)

  • Caltech का Hyper-Entanglement: दो परमाणुओं को उनकी गति और इलेक्ट्रॉनिक स्थिति में एक साथ एंटैंगल करके सुपरपोज़िशन को अगले स्तर पर ले गए — जिससे प्रति परमाणु अधिक क्वांटम जानकारी स्टोर हो सके 1।
  • University of Oxford की नयी सटीकता: एक एकल क्यूबिट की लॉजिक ऑपरेशन में अब त्रुटि दर केवल 0.000015% — यानी लगभग 6.7 मिलियन ऑपरेशन में एक एरर 2। यह क्वांटम गणना की विश्वसनीयता को नए आयामों तक ले गया।
  • Google का Willow चिप: 105‑क्यूबिट प्रोसेसर में Error Correction threshold पार कर चूका है — इसके साथ Random Circuit Sampling बेंचमार्क में सफलता मिली, जिससे क्लासिकल सुपरकंप्यूटर की तुलना में यह 10^25 साल में पूरा हो — वह 5 मिनट में किया 3।
  • IBM का Quantum System Two (Japan): जापान में पहला तैनात क्वांटम कंप्यूटर, जिसमें 156‑क्यूबिट वाला चिप है, और यह IBM के Fault‑tolerant रोडमैप की दिशा में बड़ा कदम 4।

🧩 क्वांटम कंप्यूटर और सुपरपोज़िशन

पारंपरिक बिट्स जहाँ 0 या 1 हो सकते हैं, वहीं क्यूबिट्स सुपरपोज़िशन में 0 और 1 दोनों हो सकते हैं। यही वजह है कि क्वांटम कंप्यूटर खतरनाक गणना बहुत तेजी से कर सकते हैं। हाल की सफलता, जैसे Error‑corrected qudits और लॉजिक ऑपरेशन त्रुटि दर में सुधार, इस क्षमता को और भरोसेमंद बना रहे हैं 5।

🔮 इसका भविष्य क्या लेकर आता है?

सुपरपोज़िशन अब सिर्फ सिद्धांत नहीं—यह वास्तविक, लागू तकनीक बन चुकी है। इसका उपयोग भविष्य में क्वांटम इंटरनेट, अधिक सुरक्षित संचार, बुद्धिमान चिकित्सा टूल्स और अकल्पनीय विज्ञान तक जा सकता है।

🧠 सोचिए: क्या हम कभी सुपरपोज़िशन का अनुभव सीधे अपनी इंद्रियों में कर पाएंगे?

👉 STEM Hindi पर हम विज्ञान को सरल, रोचक और हिंदी में आपके पास लाते हैं। अगले लेख में मिलते हैं!

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