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बिभा चौधरी — वह सितारा जिसने कण भौतिकी की रात को रोशन किया

  

बिभा चौधरी — वह सितारा जिसने कण भौतिकी की रात को रोशन किया 

विज्ञान के इतिहास में कुछ लोग आकाशगंगा के उन शांत तारों की तरह होते हैं जो दूर से कम चमकीले लगते हैं, मगर उनके बिना आकाश की कहानी अधूरी रह जाती है। बिभा चौधरी ऐसी ही एक वैज्ञानिक थीं—असाधारण एकाग्रता, अद्भुत धैर्य, और प्रयोगों को कला में बदल देने वाली प्रतिभा।

उन्होंने 1930–40 के दशकों में cosmic rays में ऐसे कणों के संकेत खोजे जिन्हें दुनिया बाद में meson की श्रेणी में पहचान सकी। उस समय भारत में वैज्ञानिक प्रयोगशालाएँ सीमित थीं, उपकरण साधारण थे, और समाज महिलाओं को विज्ञान में प्रवेश तक मुश्किल से देता था। फिर भी, बिभा की दृढ़ता ने उन्हें भारत की प्रथम महिला कण भौतिक विज्ञानी बना दिया।

Cosmic Rays: वे कण जिनसे ब्रह्मांड अपनी कहानी कहता है

Cosmic rays—वे अत्यधिक ऊर्जावान कण—हमेशा से भौतिकी के गूढ़ रहस्यों को उजागर करते आए हैं। जब उच्च-ऊर्जा कण वायुमंडल से टकराते हैं, तो secondary particles की एक बारिश होती है। इसी shower में mesons जैसे कण जन्म लेते हैं।

किसी charged particle का photographic plate में छोड़ा गया track उसकी ऊर्जा के बारे में बताता है। ऊर्जा-हानि (energy loss) का एक मुख्य समीकरण है:

\[ \frac{dE}{dx} \propto \frac{1}{v^2} \] तेज़ कण कम ऊर्जा छोड़ते हैं, धीमे कण ज़्यादा। इसी सिद्धांत के सहारे बिभा कणों की पहचान करती थीं।

उनके द्वारा देखे गए tracks सामान्य इलेक्ट्रॉन या प्रोटॉन जैसे नहीं थे—उनकी ऊर्जा, मोड़ (curvature), और decay व्यवहार अलग था। यह समझ तब उपलब्ध गणितीय मॉडलों के माध्यम से संभव थी।

Meson पहचान: एक छोटे से प्रमाण की झलक

Charged particle का चुंबकीय क्षेत्र में radius of curvature:

\[ r = \frac{p}{qB} \] जहाँ \(p\) = momentum \(q\) = charge \(B\) = magnetic field

उच्च द्रव्यमान वाले meson का momentum अधिक होता है, इसलिए plate में उसका path अपेक्षाकृत कम मुड़ेगा। बिभा ने इसी curvature-pattern की पहचान की।

Mesons की औसत lifetime लगभग:

\[ \tau \approx 2.2 \times 10^{-6} \text{ seconds} \]

Slow decay → longer track Fast decay → short track बिभा के photographic plates पर जो असामान्य track lengths दिखे, वे meson-decay से मेल खाते थे। यह आधुनिक particle physics की earliest observational hints में गिना जाता है।

छात्रों के लिए प्रेरणा: विज्ञान में जीत उपकरणों से नहीं, जिद से होती है

बिभा उस समय शोध कर रही थीं जब प्रयोगशाला में न तो आधुनिक particle accelerators थे, न ही cloud chambers की श्रेष्ठ मशीनें। उनके पास सिर्फ photographic plates, गणित, और एक अथक जिज्ञासा थीं।

आज आपका मोबाइल फोन, आपका लैपटॉप, और Internet—ये सब उनके दौर के वैज्ञानिकों के लिए कल्पना भी नहीं थे। अगर उन्होंने इतनी कम साधनों में meson-tracks की पहचान कर ली, तो आज आप—बेहतर साधनों के साथ—क्या नहीं कर सकते?

विज्ञान साधनों का खेल नहीं है। यह मन की ताकत, निरंतरता, और गणित पर भरोसे का खेल है। बिभा का जीवन इसका प्रमाण है कि कड़ी मेहनत + curiosity + patience → breakthrough.

आधुनिक भौतिकी में उनके कार्य की गूँज

आज particle physics में detectors जैसे CMS, ATLAS और IceCube काम कर रहे हैं। मगर इनकी नींव—photographic emulsion techniques, tracking curvature, decay signatures—इन सभी में बिभा के काम की झलक मौजूद है।

2017 में IAU द्वारा asteroid (8077) Chowdhuri को समर्पित करना केवल एक सम्मान नहीं था—यह वह देर से मिला आदर था जो उनके प्रकाश से मेल खाता है।

समापन

बिभा चौधरी की कहानी हर उस छात्र के लिए दीपक है जिसे लगता है कि संसाधन कम हैं, या दुनिया उसके खिलाफ है। विज्ञान में असली शक्ति उपकरणों में नहीं, बल्कि उस प्रश्न में छिपी होती है जिसे आप पूछने की हिम्मत करते हैं।

उनकी प्रेरणा यह सिखाती है कि जब तक किसी समस्या को हल करने की जिद बाकी है, तब तक कोई बाधा बड़ी नहीं।

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