घूर्णन गति: कोणीय वेग और कोणीय त्वरण | Rotational Motion in Hind
भौतिक विज्ञान में घूर्णन गति (Rotational Motion) एक महत्वपूर्ण विषय है, जो विशेष रूप से कक्षा 11 और 12 के छात्रों के लिए JEE Main, JEE Advanced, NEET तथा बोर्ड परीक्षाओं में बार-बार पूछा जाता है। इसमें किसी वस्तु के किसी स्थिर अक्ष के चारों ओर घूमने की गति का अध्ययन किया जाता है। इस लेख में हम कोणीय वेग (Angular Velocity) और कोणीय त्वरण (Angular Acceleration) को गहराई से समझेंगे, उनके सूत्र, मात्रक, विमीय सूत्र और भौतिक अर्थ पर चर्चा करेंगे।
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घूर्णी गति |
विषय-सूची
- घूर्णन गति की मूल अवधारणा
- कोणीय विस्थापन
- कोणीय वेग
- कोणीय त्वरण
- रैखिक और कोणीय राशियों का संबंध
- घूर्णन गति के प्रमुख उदाहरण
- प्रतियोगी परीक्षाओं में महत्व
- निष्कर्ष
घूर्णन गति (Rotational Motion) की मूल अवधारणा
जब कोई वस्तु किसी स्थिर बिंदु या अक्ष के चारों ओर घूमती है, तो उसकी गति को घूर्णन गति कहते हैं। उदाहरण के लिए, पंखे के ब्लेड का घूमना, पृथ्वी का अपनी धुरी के चारों ओर घूमना, पहिये का घुमना इत्यादि। इस गति में वस्तु के प्रत्येक बिंदु का रैखिक वेग अलग होता है, लेकिन उनका कोणीय वेग समान होता है।
कोणीय विस्थापन (Angular Displacement)
किसी वस्तु के घूमने के कोण को कोणीय विस्थापन कहते हैं। इसे रेडियन (radian) में मापा जाता है।
सूत्र:
(\theta = \frac{s}{r})
जहाँ (s) = चाप की लंबाई (arc length), (r) = त्रिज्या।
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पहियों का कोणीय विस्थापन |
कोणीय वेग (Angular Velocity)
कोणीय वेग वह दर है जिससे कोई वस्तु किसी स्थिर अक्ष के चारों ओर घूमते हुए अपना कोणीय विस्थापन बदलती है। इसे ग्रीक अक्षर (\omega) (ओमेगा) द्वारा दर्शाया जाता है। यह एक सदिश राशि है जिसकी दिशा दाहिने हाथ के नियम (Right-Hand Thumb Rule) से ज्ञात की जाती है।
सूत्र: (\omega = \frac{d\theta}{dt}) जहाँ (\theta) = कोणीय विस्थापन, (t) = समय।
- मात्रक (SI Unit): rad/s (रेडियन प्रति सेकंड)
- विमीय सूत्र: ( [M^0L^0T^{-1}] )
- प्रकार: औसत कोणीय वेग, तात्क्षणिक कोणीय वेग।
कोणीय त्वरण (Angular Acceleration)
कोणीय त्वरण वह दर है जिससे कोणीय वेग समय के साथ बदलता है। इसे ग्रीक अक्षर (\alpha) (अल्फ़ा) द्वारा दर्शाया जाता है।
सूत्र: (\alpha = \frac{d\omega}{dt}) या (\alpha = \frac{d^2\theta}{dt^2})
- मात्रक (SI Unit): rad/s² (रेडियन प्रति सेकंड वर्ग)
- विमीय सूत्र: ( [M^0L^0T^{-2}] )
- प्रकार: औसत कोणीय त्वरण, तात्क्षणिक कोणीय त्वरण।
रैखिक और कोणीय राशियों का संबंध
घूर्णन गति में रैखिक (Linear) और कोणीय (Angular) राशियों के बीच एक सरल गणितीय संबंध होता है:
- रैखिक वेग: ( v = r\omega )
- स्पर्शरेखीय त्वरण: ( a_t = r\alpha )
- अभिकेंद्रीय त्वरण: ( a_c = r\omega^2 = \frac{v^2}{r} )
घूर्णन गति के प्रमुख उदाहरण
- पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना: कोणीय वेग स्थिर रहता है, इसलिए कोणीय त्वरण शून्य होता है।
- पंखे के ब्लेड का धीरे-धीरे तेज होना: इस स्थिति में कोणीय त्वरण धनात्मक होता है।
- गाड़ी का पहिया ब्रेक लगाने पर धीमा होना: इस स्थिति में कोणीय त्वरण ऋणात्मक होता है, जिसे मंदन (retardation) भी कहते हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं में महत्व
कोणीय वेग और कोणीय त्वरण से संबंधित प्रश्न JEE Main, JEE Advanced, NEET, B.Sc., और इंजीनियरिंग एंट्रेंस परीक्षाओं में बार-बार पूछे जाते हैं। इन अवधारणाओं की अच्छी समझ से आप घूर्णन गतिविज्ञान के जटिल सवालों को आसानी से हल कर सकते हैं।
निष्कर्ष
घूर्णन गति के अध्ययन में कोणीय वेग और कोणीय त्वरण मूलभूत स्तंभ हैं। ये न केवल सैद्धांतिक भौतिकी में, बल्कि वास्तविक जीवन की मशीनरी, अंतरिक्ष यान, रोबोटिक्स, और वाहन तकनीक में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी गहराई से समझ आपको प्रतियोगी परीक्षाओं में बढ़त दिला सकती है।
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