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भारत के वैज्ञानिक रत्न – श्रीनिवास रामानुजन

🔬 भारत के वैज्ञानिक रत्न – श्रीनिवास रामानुजन

लेखक: STEM Science टीम | श्रेणी: भारतीय वैज्ञानिक | प्रकाशन तिथि: जुलाई 2025

श्रीनिवास रामानुजन की तस्वीर

🧠 प्रारंभिक जीवन और बचपन

22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के इरोड नामक कस्बे में जन्मे श्रीनिवास रामानुजन बचपन से ही एक असाधारण प्रतिभा के धनी थे। उनके पिता एक साधारण क्लर्क थे और परिवार आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा था। हालांकि साधनों की कमी थी, लेकिन गणित के प्रति उनका लगाव बचपन से ही गहरा था। उन्होंने 10 वर्ष की आयु में ही उन्नत गणितीय पुस्तकों का अध्ययन शुरू कर दिया था।

📘 शिक्षा और गणित के प्रति जुनून

पारंपरिक शिक्षा प्रणाली रामानुजन के असाधारण दिमाग को समझ नहीं सकी। गणित के अलावा किसी विषय में उनका विशेष रुझान नहीं था। उन्होंने George Shoobridge Carr की पुस्तक "Synopsis of Elementary Results in Pure Mathematics" से कई प्रमेयों को समझा और स्वयं नए प्रमेय विकसित किए।

उनके लिए गणित केवल अंकों का खेल नहीं था, यह उनके लिए एक आध्यात्मिक अनुभव था। वे कहते थे कि “मेरे गणितीय सूत्र देवी नमगिरी की कृपा से आते हैं।”

🌍 इंग्लैंड यात्रा और हार्डी के साथ सहयोग

1913 में, रामानुजन ने अपने प्रमेयों और गणितीय सूत्रों के साथ G.H. Hardy को एक पत्र भेजा। हार्डी, जो उस समय कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे, उनके काम से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने रामानुजन को इंग्लैंड आमंत्रित किया।

अगले पाँच वर्षों तक, रामानुजन और हार्डी ने मिलकर अनेक महत्त्वपूर्ण गणितीय कार्य किए, जो आज भी शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

📈 प्रमुख योगदान

  • रामानुजन फॉर्मुला: π (पाई) की गणना के लिए तेज़ सूत्र।
  • थीटा फंक्शन और मॉड्यूलर फॉर्म्स
  • डायफांटाइन समीकरणों पर गहरा कार्य
  • Partition Function – संख्याओं को भागों में विभाजित करने की विधि
  • Mock Theta Functions की खोज
“An equation for me has no meaning unless it expresses a thought of God.” — श्रीनिवास रामानुजन

💡 1729 – हार्डी-रामानुजन संख्या

जब हार्डी रामानुजन से मिलने अस्पताल गए, उन्होंने कहा कि वह जिस टैक्सी में आए उसका नंबर था 1729, जो एक साधारण संख्या लग रही थी। रामानुजन ने तुरंत कहा, “नहीं, यह एक रोचक संख्या है क्योंकि यह दो संख्याओं के घनों का योग दो तरीकों से हो सकता है:

1729 = 1³ + 12³ = 9³ + 10³

इस घटना ने 1729 को Hardy-Ramanujan Number बना दिया।

🏆 सम्मान और विरासत

  • भारत सरकार ने 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस घोषित किया।
  • उनकी स्मृति में रामानुजन गणित संस्थान की स्थापना की गई।
  • 2015 में उनके जीवन पर आधारित फिल्म "The Man Who Knew Infinity" रिलीज़ हुई।
  • उनके काम पर आज भी शोध जारी है — Ramanujan Notebooks शोधकर्ताओं के लिए खजाना हैं।

🎓 रामानुजन से क्या सीखें?

रामानुजन का जीवन हमें सिखाता है कि यदि जुनून सच्चा हो, तो संसाधनों की कमी भी सफलता में बाधा नहीं बनती। आत्मविश्वास, कठिन परिश्रम और स्व-अध्ययन से वे ऐसे क्षेत्र में पहुँचे जहाँ बहुत कम लोग पहुँचते हैं। उनका जीवन हर युवा छात्र के लिए एक प्रेरणा है।

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