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डॉ. राजा रामन्ना – भारत के परमाणु कार्यक्रम के शिल्पकार

💥 भारत के वैज्ञानिक रत्न: डॉ. राजा रामन्ना – भारत के परमाणु कार्यक्रम के शिल्पकार

डॉ. राजा रामन्ना (28 जनवरी 1925 – 24 सितम्बर 2004) एक प्रतिष्ठित भारतीय परमाणु भौतिक विज्ञानी थे जिन्होंने भारत को विश्व के परमाणु क्षमताधारी देशों में शामिल करने में निर्णायक भूमिका निभाई। वे “Operation Smiling Buddha” की वैज्ञानिक टीम का नेतृत्व कर Pokhran‑I परमाणु परीक्षण (1974) के केंद्र में थे 1।

👶 प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

राजा रामन्ना का जन्म 28 जनवरी 1925 को तमिलनाडु से सटे कर्नाटक के टुमकूर में हुआ। शिक्षा उन्होंने बैंगलोर के Bishop Cotton School और Madras Christian College से प्राप्त की, जहाँ उन्होंने बीएससी (ऑनर्स) की। वर्ष 1949 में वे King’s College, London से परमाणु भौतिकी में PhD लेकर भारत लौटे 2।

🔬 भारत में प्रारंभिक योगदान

वह 1949 में Homi Bhabha के मार्गदर्शन में TIFR और बाद में BARC (Bhabha Atomic Research Centre) में कार्यरत हुए। 1956 में भारत की पहली रिसर्च रिएक्टर *Apsara* के निर्माण में भूमिका निभाई 3। उन्होंने BARC Training School की स्थापना कर वैज्ञानिकों की अगली पीढ़ी को प्रशिक्षित किया 4।

💣 परमाणु परीक्षण: Operation Smiling Buddha

1967 में भारत के परमाणु कार्यक्रम के प्रभारी बने राजा रामन्ना ने 18 मई 1974 को *Smiling Buddha* को सफलतापूर्वक संपादित किया। इस परीक्षण ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल किया 5।

🎖️ नेतृत्व और प्रशासनिक योगदान

  • BARC डायरेक्टर: 1972–78 और 1981–83 6
  • सेक्रेटरी, रक्षा शोध और वैज्ञानिक सलाहकार, रक्षा मंत्री (1978–81) 7
  • परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष और DAE सेक्रेटरी (1983–87) 8
  • DRDO के DG तथा IAS सदस्य- ये सभी पद उन्होंने संभाले 9

🛡️ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान

  • Padma Shri (1968), Padma Bhushan (1973), Padma Vibhushan (1975) 10
  • Shanti Swarup Bhatnagar Prize (1963) 11
  • Raja Ramanna Centre for Advanced Technology (RRCAT), इंदौर की स्थापना उनके नाम पर 1984–86 में की गई। यह लेजर और एक्सेलेरेटर अनुसंधान केंद्र है 12

🌍 पैनस्पर्मिया और अंतरराष्ट्रीय प्रस्ताव

रामन्ना ने 1978 में इराक के डiktator सद्दाम हुसैन के प्रस्ताव को ठुकराकर देशभक्ति का परिचय दिया। उन्हें बड़े पैमाने पर विदेश जाने का मौका मिला पर उन्होंने भारत ही चुना 13।

🎵 संगीत और साहित्य

रामन्ना एक कुशल पियानोवादक थे और पश्चिम तथा शास्त्रीय संगीत दोनों में रुचि रखते थे। उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हुईं: The Structure of Music in Raga and Western Systems (1993) और आत्मकथा Years of Pilgrimage (1991) 14।

🌟 इतिहास में उनका योगदान

रामन्ना की न्यायप्रिय सोच और रणनीतिक दूरदृष्टि ने भारत को परमाणु शक्ति में आत्मनिर्भर बनाया। Pokhran‑I परीक्षण और परमाणु नीति की दिशा में उनकी भूमिका देश की स्वतंत्रता के बाद वैज्ञानिक सफलता की मिसाल है 15।

🕯️ निधन और विरासत

24 सितम्बर 2004 को मुंबई में 79 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ। आज भी Dr. Raja Ramanna Centre for Advanced Technology और उनके प्रकाशित कार्य यादगार हैं।


🔗 अन्य पोस्ट देखें: विजय पांडुरंग भटकर, सेमीकंडक्टर मिशन

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