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बुध - सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह

बुध - सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह

बुध, सूर्य के सबसे निकट स्थित ग्रह है और सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह भी। इसकी कक्षा अंडाकार (elliptical) है और यह अन्य ग्रहों की तुलना में सूर्य के चारों ओर सबसे तेज गति से घूमता है। बुध का कोई प्राकृतिक उपग्रह (moon) नहीं है और इसका वातावरण बहुत पतला है, जिसे *एक्सोस्फीयर* कहते हैं। इसकी सतह पर असाधारण तापमान विविधता है, जो इसे खगोल विज्ञान के लिए एक आकर्षक विषय बनाती है।

बुध की संरचना

बुध की संरचना मुख्यतः धातुओं और सिलिकेट खनिजों से बनी है, जिससे यह चट्टानी ग्रहों की श्रेणी में आता है। इसका आंतरिक भाग निम्न प्रकार से विभाजित है:

  • कोर (Core): बुध का कोर लोहे और निकल का बना है, जो ग्रह के कुल आयतन का लगभग 55% है।
  • मैटल (Mantle): लोहे और सिलिकेट युक्त परत जो कोर को ढकती है।
  • क्रस्ट (Crust): यह ग्रह की बाहरी परत है, जो लगभग 35 किमी मोटी है।

बुध के भौतिक गुण

बुध के अद्वितीय गुण इसे सौरमंडल के अन्य ग्रहों से अलग बनाते हैं। नीचे दी गई तालिका में बुध के मुख्य भौतिक गुण दिए गए हैं:

गुण मूल्य
त्रिज्या 2,439.7 किमी
द्रव्यमान 3.3011 × 1023 किग्रा
सौर दूरी 57.91 मिलियन किमी
तापमान (दोपहर) 430°C
तापमान (रात्रि) -180°C
गुरुत्वाकर्षण 3.7 m/s²

बुध की कक्षा और घूर्णन

बुध की कक्षा और घूर्णन में कई अनूठे पहलू हैं:

  • कक्षा (Orbit): बुध सूर्य के चारों ओर 88 दिनों में अपनी कक्षा पूरी करता है।
  • घूर्णन (Rotation): बुध को अपनी धुरी पर एक घूर्णन पूरा करने में 58.6 पृथ्वी दिवस लगते हैं।
  • समीपता (Perihelion): बुध की कक्षा सूर्य के सबसे करीब 46 मिलियन किमी और सबसे दूर 70 मिलियन किमी पर होती है।

निष्कर्ष

बुध ग्रह अपनी अनोखी कक्षा, अत्यधिक तापमान विविधताओं और आंतरिक संरचना के कारण सौरमंडल के सबसे रोचक ग्रहों में से एक है। बुध के अध्ययन से हमें ग्रहों के गठन और विकास के बारे में मूल्यवान जानकारी प्राप्त होती है।

यह पोस्ट STEM Hindi द्वारा प्रस्तुत की गई है।

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